वैधानिक सेफ्टी उपकरण नही होने पर अब होगी हॉस्पिटलो पर कार्यवाही राज्य मानव अधिकार आयोग के संज्ञान पर सरकार ने दिशा निर्देश जारी किए

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वैधानिक सेफ्टी उपकरण नही होने पर अब होगी हॉस्पिटलो पर कार्यवाही राज्य मानव अधिकार आयोग के संज्ञान पर सरकार ने दिशा निर्देश जारी किए
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मप्र मानव अधिकार आयोग द्वारा संज्ञान लेने पर अस्पतालों में फायर सेफ्टी सिस्टम के प्रमाण-पत्र के लिये दिशा-निर्देश जारी
 
वैधानिक सेफ्टी उपकरण नही होने पर अब होगी हॉस्पिटलो पर कार्यवाही राज्य मानव अधिकार आयोग के संज्ञान पर सरकार ने दिशा निर्देश जारी किए
भोपाल@हमारे अधिकार न्यूज़,
पुलिस अभिरक्षा में युवक की मौत, थाने के बाहर शव रखकर प्रदर्शन

नीमच जिले में
 पुलिस अभिरक्षा में बीते बुधवार की सुबह एक युवक की मौत हो गई। मारपीट व लूट मामले में आरोपी चरत बांछड़ा निवासी बरडिया ने बीते मंगलवार की सुबह मनासा थाने में सरेंडर किया था। पुलिस ने शाम तक उसे न्यायालय में पेश नहीं किया। सुबह परिजनों के पास फोन आया कि चरत की तबीयत खराब होने से अस्पताल ले जा रहे हैं। उसे पहले मनासा फिर नीमच अस्पताल ले जाया गया। जहां उसे मृत घोषित कर दिया। पीएम के बाद आक्रोशित परिजन शव लेकर मनासा थाने पहुंचे। तीन घंटे तक शव थाने के बाहर रख प्रदर्शन किया। परिजनों ने पुलिस पर न्यायालय में पेश करने लिए 50 हजार रूप्ये मांगने के आरोप लगाए। एसपी ने मजिस्ट्रियल जांच बैठाई और एसआई श्रवण सिंह तंवर को लाइन अटैच कर दिया है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने एसपी, नीमच से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

कुएं ने उगला युवती का शव, परिजनों ने लगाया जाम

सीहोर जिले के भैरूंदा क्षेत्र के ग्राम टिकरीखेड़ा
 निवासी एक युवती का शव गांव के ही कुएं से मिला। युवती बीते दो दिनों से लापता थी। परिजनों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने शव का पीएम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। आक्रोशित परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर भारी चक्काजाम कर दिया। परिजनों का कहना था कि एक युवक द्वारा युवती को अकारण ही लगातार परेशान किया जा रहा था। उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाये। पुलिस के जिलास्तरीय वरिष्ठ अधिकारियों के आवश्वासन के बाद ही परिजन व ग्रामीण माने। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने एसपी, सीहोर से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
 
मप्र मानव अधिकार आयोग द्वारा संज्ञान लेने पर अस्पतालों में फायर सेफ्टी सिस्टम के प्रमाण-पत्र के लिये दिशा-निर्देश जारी

मप्र मानव अधिकार आयोग द्वारा मध्यप्रदेश में फायर सेफ्टी एक्ट लागू नहीं होने के कारण सभी अस्पतालों में फायर सेफ्टी सिस्टम खराब होने आदि की शिकायत और समाचार पत्रों में इस आशय की खबरे प्रकाशित होने पर स्वतः संज्ञान लेकर राज्य शासन से जवाब मांगा गया था। आयोग द्वारा संज्ञान लेने पर राज्य शासन द्वारा अस्पतालों में फायर सेफ्टी सिस्टम के प्रमाण-पत्र देने के लिये सभी कलेक्टर्स, सभी नगर पालिका निगमों के कमिश्नर्स, सभी कैन्ट एरियास के अधिशासी अधिकारियों, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सभी संयुक्त संचालकों एवं सभी नगर पालिकाओं/नगर परिषदों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को फायर सेफ्टी सिस्टम के प्रमाण-पत्र देने के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं।
 
मामला कुछ यूं है कि मप्र मानव अधिकार आयोग द्वारा भोपाल से प्रकाशित होने वाले एक दैनिक समाचार पत्र के 23 जुलाई 2021 के अंक में ‘‘400 में से 170 से ज्यादा अस्पतालों में फायर सेफ्टी सिस्टम खराब, ननि सिर्फ नोटिस देकर भूला, अधिकारी बाले- मप्र में फायर सेफ्टी एक्ट लागू नहीं, तो कैसे करें कार्यवाही ?‘‘ शीर्षक से प्रकाशित खबर पर स्वतः संज्ञान लेकर सीधे प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, मंत्रालय से जांच कराकर प्रतिवेदन मांगा था। साथ ही यह भी पूछा था कि 01. म.प्र. में फायर सेफ्टी एक्ट लागू नहीं किये जाने के क्या कारण हैं ? 02. यह अधिनियम लागू करने की क्या कार्यवाही की गई है या की जाना प्रस्तावित है ? 03. म.प्र. के सभी अस्पतालों एवं नर्सिंग होम्स में फायर सेफ्टी के पैरामीटर्स मानव जीवन की सुरक्षा के लिये पर्याप्त हो और व्यक्तियों को प्राप्त सुरक्षित जीवन जीने के मौलिक/मानव अधिकार का संरक्षण हों, इसके लिये क्या प्रभावी कार्यवाही की गई है ? आयोग ने उपरोक्त सभी बिन्दुओं पर राज्य शासन को स्पष्ट प्रतिवेदन देने के लिये कहा था।

आयोग के प्रकरण क्रमांक 4876/भोपाल/2021 में राज्य शासन ने आयोग को प्रतिवेदन दे दिया है। राज्य शासन के नगरीय विकास एव आवास विभाग, मंत्रालय भोपाल के उप सचिव ने आयोग को उपरोक्त बिन्दुवार प्रतिवेदन दिया है कि 01. मध्यप्रदेश अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा अधिनियम 2022 का प्रारूप केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तावित माॅडल फायर एक्ट 2019 के आधार पर तैयार किया जा चुका है। 02. मध्यप्रदेश अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा अधिनियम 2023 के हिन्दी/अंग्रेजी प्रारूप को विधि विभाग से परिमार्जित कराये जाने हेतु प्रेषित किया गया था। विधि विभाग द्वारा अंग्रेजी प्रारूप को परिमार्जित कर विभाग को प्रेषित किया गया है। हिन्दी का परिमार्जित प्रारूप विधि विभाग से अपेक्षित है। विधि विभाग से प्राप्त होने पर आगामी कार्यवाही की जावेगी। 03. नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा दिनांक 16 दिसम्बर 2022 को जारी एक विभागीय पत्र के जरिये सर्वसंबंधितों को समुचित दिशा-निर्देश जारी किये जा चुके हैं। जिसमें उल्लेखानुसार राष्ट्रीय भवन संहिता के खण्ड-4 की कंडिका क्रमांक 1.2 में यथा उल्लेखित सभी भवनों में अग्नि सुरक्षा संबंधी प्रावधान, ऐसे भवनों के स्वामी द्वारा कराया जाना अनिवार्य होगा और इन भवनों में सभी अस्पताल भवन एवं सभी नर्सिंग होम भवन भी सम्मिलित किये गये है।
 
चूंकि राज्य शासन द्वारा सर्वसंबंधितों को फायर सेफ्टी एक्ट के पालन हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं और मामले मंे आयोग द्वारा अपेक्षित कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है। अतः आयोग में भी यह मामला अब समाप्त कर दिया गया है।