दृष्टिहीन छात्रों, जिन्हें बे्रल लिपि की छपाई वाली पुस्तकें चाहिये, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इनकी छपाई ही नहीं करवा रहे आयोग ने लिया संज्ञान : भोपाल

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दृष्टिहीन छात्रों, जिन्हें बे्रल लिपि की छपाई वाली पुस्तकें चाहिये, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इनकी छपाई ही नहीं करवा रहे आयोग ने लिया संज्ञान : भोपाल
Human Right Commission Bhopal
दृष्टिहीन छात्रों, जिन्हें बे्रल लिपि की छपाई वाली पुस्तकें चाहिये, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इनकी छपाई ही नहीं करवा रहे आयोग ने लिया संज्ञान : भोपाल
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष श्री मनोहर ममतानी एवं सदस्य श्री राजीव कुमार टंडन ने बारह मामलों में संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है।
 

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने मध्यप्रदेश के हजारों दृष्टिहीन छात्रों, जिन्हें बे्रल लिपि की छपाई वाली पुस्तकें चाहिये, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इनकी छपाई ही नहीं करवा रहे हैं, इस वजह से दृष्टिहीन छात्रों द्वारा दूसरों से मांगकर पुस्तकें पढ़कर अपनी पढ़ाई जारी रखने संबंधी एक मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक दृष्टिहीन छात्र बे्रल लिपि की पुस्तकों से ही पढ़ पाते हैं। मध्यप्रदेश सरकार ने बे्रल लिपि प्रेस खोला है, इसका संचालन सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग करता है। यहां वर्ष 2014 तक पुस्तकों की छपाई भी होती थी, लेकिन अब 9वीं से 12वीं का पाठ्यक्रम बदलकर एनसीईआरटी कर दिया गया है। इसके बावजूद प्रेस अपग्रेड नहीं हुआ है, जिससे बदले पाठ्यक्रम वाली पुस्तकों की छपाई नहीं हो पा रही है। इस वजह से छात्र दूसरों से पुस्तकें मांगकर पढ़ रहे हैं। मामले में आयोग ने प्रमुख सचिव, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, मंत्रालय, भोपाल से दृष्टिबाधित छात्रों के लिये कक्षा 9वीं से कक्षा 12वीं तक के लिये आवश्यक पाठ्य पुस्तकों की उपलब्धता के संबंध में प्रगति प्रतिवेदन एक माह में तलब किया है। साथ ही यह जानकारी भी देने का कहा है कि एनसीईआरटी पाठ्यक्रम इन कक्षाओं के लिए किस वर्ष से प्रारंभ हुआ है और पाठ्य पुस्तकंे कब से उपलब्ध करायी जा रही हैं या करायी जा सकेंगी ? दिव्यांगजनों के शिक्षा के मौलिक अधिकार और निःशुल्क शिक्षा के प्रावधानों का पालन प्रतिवेदन भी भेजना सुनिश्चित किया जाये।

 मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने भोपाल शहर में सीवेज में पाली गई मछलियों को राजधानी के कई क्षेत्रों में महंगे दामों मे बेचे जाने और इन मछलियों को खाने से इंसानों को कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां होने की आशंका संबंधी एक मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक मछली पालन के लिये पातरा नाले के सीवेज का उपयोग हो रहा है। भोपाल शहर के भानपुर स्थ्ति पूर्व कचरा खंती से अयोध्या नगर की ओर उतरते ही थिंक गैस के टैंक के पास से कच्चा रास्ता सीधे छह तालाबों की तरफ जा रहा है। पाइप के जरिए नाले का पानी खींचकर इन तालाबों में भरा जा रहा है और इनमें मछली पालन किया जा रहा है। इसके अलावा पातरा नाले में गोविंदपुरा औद्यौगिक क्षेत्र का जहरीला पानी भी मिलता है। इस कारण इन मछलियों के सेवन से इंसानों को कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। मामले में आयोग ने कलेक्टर एवं नगर निगम कमिश्नर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर मानव जीवन के लिये जोखिमपूर्ण स्थिति के निवारण हेतु की गई कार्यवाही का तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने सागर जिले के केसली विकासखंड के समनापुर गांव में एक स्कूल परिसर में ही यात्री प्रतीक्षालय का निर्माण करा देने के मामले में संज्ञान लिया है। यात्री प्रतीक्षालय होने से शिक्षकों को शाला संचालन में एवं विद्यार्थियों को अध्ययन में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणजन प्रतीक्षालय को स्कूल परिसर से हटाकर अन्य स्थान पर बनाने की मांग कर रहे हैं। मामले में आयोग ने कलेक्टर सागर से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने रायसेन जिले के एक आंगनबाड़ी केन्द्र में मासूम बच्चों को परोसे गये भोजन में मांस का टुकड़ा निकलने की घटना पर संज्ञान लिया है। घटना के मुताबिक मांस का टुकड़ा निकलने से आंगनबाड़ी के स्टाॅफ और बच्चों में हड़कंप मच गया। यह भोजन गांव के ही मां भवानी स्व सहायता समूह द्वारा बनाकर भेजा गया था। एसडीएम ने घटना की जांच शुरू कर दी है। मामले में आयोग ने कलेक्टर रायसेन से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने छतरपुर जिले में घर के बाहर खेल रही ढाई साल की एक मासूम बच्ची को कुत्तों द्वारा नोचने के कारण बच्ची के बुरी तरह घायल हो जाने के मामले में सज्ञान लिया है। घटना छतरपुर जिले के ओरछा रोड़ थाना क्षेत्र के धमौरा गांव की बीते सोमवार की है। यहां ढाई साल की सृष्टि गंगेले पर कुत्तों ने हमला कर दिया बच्ची बुरी तरह घायल हो गई। आसपास के लोगों ने बड़ी मुश्किल से उसे कुत्तों से छुड़ाया और अस्पताल ले गये। मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक छतरपुर एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी, छतरपुर से जवाब-तलब किया है।        
                                                                    
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने छतरपुर जिले में चार नाबालिग लड़कों द्वारा एक युवक को अमानवीय रूप से प्रताड़ित कर उसकी हत्या कर देने के मामले में संज्ञान लिया है। घटना के अनुसार कोतवाली थाना पुलिस छतरपुर द्वारा चार नाबालिगों को गिरफ्तार किया है। इन्होंने अमन खान की हत्या कर दी थी। गिरफ्तारी के बाद इन्होंने पुलिस को बताया कि अमन खान उन्हें प्रायः सताया करता था। इसलिए इन चारों ने मिलकर उसकी हत्या कर दी। बताया गया कि हत्या के आरोपी ये चारों नाबालिग ड्रग एडिक्ट हैं। मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक, छतरपुर से जवाब-तलब किया है।
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने छतरपुर जिले में चार नाबालिग लड़कों द्वारा एक युवक को अमानवीय रूप से प्रताड़ित कर उसकी हत्या कर देने के मामले में संज्ञान लिया है। घटना के अनुसार कोतवाली थाना पुलिस छतरपुर द्वारा चार नाबालिगों को गिरफ्तार किया है। इन्होंने अमन खान की हत्या कर दी थी। गिरफ्तारी के बाद इन्होंने पुलिस को बताया कि अमन खान उन्हें प्रायः सताया करता था। इसलिए इन चारों ने मिलकर उसकी हत्या कर दी। बताया गया कि हत्या के आरोपी ये चारों नाबालिग ड्रग एडिक्ट हैं। मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक, छतरपुर से जवाब-तलब किया है।
 
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने छतरपुर जिले में एंबुलेंस चालक द्वारा प्रसूता के परिजनों से गाड़ी साफ कराने के बाद ही अस्पताल ले जाने की शर्त रखने के मामलें मे संज्ञान लिया है। घटना के अनुसार छतरपुर जिले के भगवां थानाक्षेत्र के सिमरिया गांव में ऊषा पत्नी सूरज आदिवासी को खेत पर काम करते समय प्रसव पीड़ा हुई। प्रसव पीड़ा होने के बाद उसे लेने पहुंची एंबुलेंस के चालक ने परिजनों के सामने यह शर्त रख दी कि वह महिला को अस्पताल तभी ले जाएगा, तब अस्पताल पहुंचने के बाद परिजन गाड़ी को साफ कराएं। इससे प्रसूता ने खेत में बच्चे को जन्म दे दिया। इस पर एंबुलेंस चालक और परिजनों के बीच भारी वाद-विवाद हुआ। हालांकि बाद में एंबुलेंस चालक ने ही महिला को जिला अस्पताल पहंुचाया, जहां चिकित्सकों ने जच्चा-बच्चा का स्वास्थ्य परीक्षण किया। मामले में आयोग ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, छतरपुर से जवाब-तलब किया है।
 
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने जिला अस्पताल खण्डवा में आॅक्सीजन फ्लोमीटर फटने के कारण एक युवक की आंख में कांच घुसने से उसकी आंख की पुतली फट जाने संबंधी घटना पर संज्ञान लिया है। घटना के मुताबिक आॅक्सीजन फ्लोमीटर फटने से पदमकुंद की आंख की पुतली फट गई। अस्पताल के टीबी वार्ड में भर्ती मरीज को दी जा रही आॅक्सीजन के सिलेंडर का प्रेशर बढ़ने से हादसा हुआ। सिलंेडर में लगा कांच का फ्लोमीटर फट कर मरीज के परिजन की आंख में जा लगा। घायल को अस्पताल के ही नेत्र वार्ड में भर्ती कराया है। वहीं वार्ड में ड्यूटी देने वाली नर्स के गाल पर भी चोट के निशान आए हैं। सिविल सर्जन ने बताया कि परिजनों ने मरीज को दी जा रही आॅक्सीजन का फ्लो हाई करने का दबाव बनया। प्रेशर बढ़ते ही सिलंेडर में लगा कांच का फ्लोमीटर फट गया। हादसे में मरीज के परिजन के साथ नर्सिंग स्टाफ भी घायल हुये है। मामले में आयोग ने कलेक्टर तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, खंडवा से जवाब-तलब किया है।
 
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने सीधी जिले में तेंदुआ द्वारा आंगन में पढ़ रहे बच्चे को दबोच ले जाने और उसे मारकर खा जाने की घटना पर संज्ञान लिया है। घटना के मुताबिक जिले के गिजोहर गांव में अपने घर के आंगन में पढ़ रहे 11 साल के बच्चे को एक तेंदुआ उठाकर ले गया। बच्चे का शव करीब 18 घंटे बाद घर से 3 किलोमीटर दूर जंगल में मिला। आक्रोशित लोगों ने वन विभाग की टीम पर हमला बोल दिया। इसमें रेंजर बुरी तरह घायल हो गए। शनिवार रात करीब 8 बजे होंगे। चैथी में पढ़ने वाला 11 साल का कमल बैगा अपने 3 भाई-बहनों के साथ घर के आंगन में ही पढ़ाई कर रहा था। मां घर के कामकाज में जुटी थी। पिता राम बहादुर बैगा भी अपने काम में लगे थे। इसी दौरान घात लगाये तंेदुआ अचानक आंगन में आ गया। उसने कमल को दबोच लिया और जंगल की ओर भाग गया। परिजनों ने वन विभाग और पुलिस को सूचना दी। कड़ी मशक्कत के बच्चे का शव गांव से करीब तीन किमी दूर संजय गांधी टाइगर रिजर्व के जंगल में मिला। मामले में आयोग ने कलेक्टर एवं वन मण्डलाधिकारी, सीधी से जवाब-तलब किया है।
 
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने सीधी जिले में शिक्षक से प्रताड़ित एक छात्र द्वारा फांसी लगाकर जान दे देनेे की घटना पर संज्ञान लिया है। घटना के अनुसार रामपुरनैकिन के पंडखुरी पवाई निवासी अमित प्रजापति पिता आल्हा, जो छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रहा था, ने अपने शिक्षक की प्रताड़ना से तंग आकर फांसी लगा ली। सुसाइड नोट में शिक्षक अजीत पाण्डेय पर आरोाप लगाते हुये लिखा है कि छोटी-छोटी गलतियों पर भी शिक्षक अजीत पाण्डेय उसे नीच, नशेड़ी, नाली का कीड़ा कहते थे। गालियां देकर अपमानित करते थे। मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक, सीधी से जवाब-तलब किया है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने गुना जिले में सोनोग्राफी के लिये डाॅक्टर द्वारा एक हजार रूपये मांगने एवं रूपये नहीं देने पर अटेंडर से मारपीट करनेे की घटना पर संज्ञान लिया है। घटना के अुनसार म्यांना थाना अंतर्गत ग्राम श्यामपुर निवासी भैयालाल कुशवाह बीते मंगलवार को अपनी पत्नी की सोनोग्राफी एवं इलाज कराने जिला अस्पताल पहुंचा था। यहां सोनोग्राफी करने के लिये संबंधित डाक्टर ने उससे एक हजार रूपये मांगे। भैयालाल ने वहां मौजूद पुलिसकर्मियों से सोनोग्राफी की फीस पूछी। पुलिसकर्मियों ने निःशुल्क होना बताया। इस पर ड्यूटी पर तैनात राहुल श्रीवास्तव भैयालाल पर भड़क गये और पर्चा छीन लिया। दोनों की तू-तू मैं-मैं हुई, फिर डाक्टर और उसके साथियों ने भैयालाल के साथ मारपीट कर दी। मामले में आयोग ने कलेक्टर एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, गुना से जवाब-तलब किया है।
 
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने शहडोल जिले में एक 75 वर्षीय वृद्ध को इस कडकडाती ठंड़ में उसी के घर से बाहर कर दिये जाने के कारण उसे सर्द रात में खुले आसमान के नीचे रात बिताने के लिए मजबूर होने के मामले में संज्ञान लिया है। मामला कल्याणपुर गांव का है। यहां 75 वर्षीय मोतीलाल खटीक जो इस क्षेत्र में 1988 से निवासरत हैं को खुंचू तिवारी ने उसे उनके घर निकाल दिया। जानकारी के अुनसार खुंचू तिवारी अवैध व्यापार करता है। उसने मोतीलाल खटीक से दस हजार रूपये मांगे। पैसे न देने के कारण खुंचू तिवारी ने उसे उसके ही घर से बाहर निकाल दिया। खुंचू तिवारी का कहना है कि मोतीलाल खटीक की वजह से उसे गांजा बेचने के आरोप में जेल जाना पड़ा था। बहरहाल, पुलिस ने मोतीलाल की शिकायत पर कार्यवाही प्रारंभ कर दी है। मामले में आयोग ने कलेक्टर शहडोल से जवाब-तलब किया है।